मित्रों, अलेक्सान्द्र पूश्किन को समर्पित इस ब्लॉग में आपका स्वागत है.
आपको मालूम ही होगा कि पूश्किन रूसी कवि, नाटककार, गद्य लेखक, आलोचक, साहित्य के सिद्धांतकार थे. रूसी साहित्य में यथार्थवाद की नींव उन्होंने ही रखी थी.
अलेक्सांद्र पूश्किन का जन्म सन् 1799 में हुआ था, तथा एक द्वंद्व-युद्ध में मृत्यु हुई थी सन् 1837 में.
पूश्किन की लोकप्रियता आज भी कायम है.
इस ब्लॉग में पूश्किन की गद्यात्मक रचनाओं - कहानियों एवम् लघु उपन्यासों का सीधे रूसी से किया गया अनुवाद प्रस्तुत है.
आशा है, आप भी पूश्किन से उतना ही प्यार करेंंगे, जितना कोई रूसी या भारत में रूसी भाषा का विद्यार्थी करता है.
हम धीरे-धीरे आगे बढेंगे!
आपको मालूम ही होगा कि पूश्किन रूसी कवि, नाटककार, गद्य लेखक, आलोचक, साहित्य के सिद्धांतकार थे. रूसी साहित्य में यथार्थवाद की नींव उन्होंने ही रखी थी.
अलेक्सांद्र पूश्किन का जन्म सन् 1799 में हुआ था, तथा एक द्वंद्व-युद्ध में मृत्यु हुई थी सन् 1837 में.
पूश्किन की लोकप्रियता आज भी कायम है.
इस ब्लॉग में पूश्किन की गद्यात्मक रचनाओं - कहानियों एवम् लघु उपन्यासों का सीधे रूसी से किया गया अनुवाद प्रस्तुत है.
आशा है, आप भी पूश्किन से उतना ही प्यार करेंंगे, जितना कोई रूसी या भारत में रूसी भाषा का विद्यार्थी करता है.
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